Saturday, November 6, 2010

दिवाली पर हर कोई खरीदारी में मस्त

रासविहारी
नई दिल्ली। इस बार दिवाली की खरीदारी में हर कोई मस्त है। दुकानें माल से तो माकेoट खरीदारों से फुल हैं। जेब में पैसा नहीं है तो किश्त पर खरीद रहे हैं। मकान हो या वाहन या िफर घर सजाने का सामान। सबकी बिक्री जोरों पर हैं। धनतेरस पर सोने-चान्दी के सामान की बिक्री का जो रिकार्ड टूटा वह जारी है। आतिशबाजी के धुआंभरे शोरशराबे में तमाम बन्दिशें भी उड़ जाएंगी। लोग धूमधड़ाका करने के लिए बम-पटाखे खरीद रहे हैं। पिछली बार दुकानों में रह गया माल इस बार मुनाफा दे रहा है।
इस बार दिवाली पर ऑनलाइन शॉपिंग खूब हो रही है। करीब 280 फीसदी की बढ़त आंकी जा रही है। एक करोड़ लोगों द्वारा इंटरनेट पर 2200 करोड़ रुपए का ऑर्डर देने की उम्मीद है। वाणिज्य एवं उद्योग चैंबर एसोचैम की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा सहित तमाम शहरों में सोने-चान्दी के जेवर, इलेक्ट्रानिक सामान, मोबाइल फोन, इलेक्टि[कल्स सामान, रेडीमेड कपड़े, सूखे मेवे, मिठाई, बर्तन, क्रॉकरी और घर सजाने के सामान की मांग बढ़ी है। चान्दी के सिक्कों की बिक्री में जमकर उछाल आया है। लोग एक घर हो अपना का सपना पूरा करने के लिए जोर लगा रहे हैं। कार और दोपहिया वाहनों के शोरूम में ग्राहकों की भीड़ है और कंपनियां मस्त हैं। बाजार की भीड़ महंगाई डायन पर भी भारी पड़ती नज़र आ रही है।
घरों को सजाने के साथ ही महिलाओं का जोर किचन को आधुनिक बनाने का है। मोड्युलर किचन बन पाए या नहीं पर कुछ नया सामान तो खरीदना ही है। माइक्रोवेव ओवन भी महिलाओं को भा रहे हैं।
धनतेरस पर बर्तनों के साथ क्राकरी की बिक्री हुई है। माकेoट में उपहारों की बिक्री आखिर तक रहने की उम्मीद है। ब्राण्डेड रेडीमेड कपड़ों के साथ गैर ब्राण्डेड माल भी खूब बिक रहा है। खासतौर पर गर्म कपड़ों का बाजार ज्यादा गर्म है।
चान्दी के सिक्कों के अलावा लोगों को ब्राण्डेड कंबल और बेड शीट देने का चलन भी इन दिनों चल रहा है। इस बार दिवाली पर रंग-रोगन के कारोबार में सौ फीसदी इजाफा हुआ है। हालत यह है कि घर की रंगाई-पुताई करने वाले मजदूरों का टोटा पड़ गया है। मुंहमांगी मजदूरी मिलने से उनकी दिवाली भी बढ़िया मन रही है। घरों की रंगाई-पुताई के बाद बिजली की लड़ियों से जगमगाया जा रहा है। बिजली की लड़ियां माकेoट में जगह-जगह बिक रही हैं।
जब हर किसी की जेब में माल है तो िफर धमाल में ही क्यों कमी रहे। धूमधड़ाके के बीच देसी-विदेशी दारू भी खूब बिक रही है। दिल्ली में तो दो दिन दारू के ठेकों का समय भी बढ़ा दिया गया है। किसी खास को गिफ़्ट देने के लिए तो वाइन, िव्हस्की और रम है। बस तो अब क्या गम है।

1 comment:

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    DUSHYANT

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