Thursday, February 24, 2011

तिवोली गार्डन मामला---राजकुमार चौहान की कुर्सी खतरे में

रलोकायुक्त ने की मंत्री पद से हटाने की सिफारिश

शीला सरकार में हैं लोक निर्माण मंत्री
; तत्कालीन वैट कमिश्नर को भी फटकार

ररासविहारी/अजय पांडेय



नई दिल्ली। दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री राजकुमार चौहान की कुर्सी खतरे में है। भ्रष्टाचार के एक मामले में दिल्ली के लोकायुक्त न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन द्वारा उन्हें दोषी करार देते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल से उन्हें पद से हटाने की सिफारिश किए जाने के बाद मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और कांग्रेस नेतृत्व पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का नैतिक दबाव बढ़ गया है। लोकायुक्त ने गुरुवार को दिए फैसले में मंत्री को हटाने के साथ ही उन पर आपराधिक मामला चलाने की सिफारिश की है और तत्कालीन वैट कमिश्नर जलज श्रीवास्तव को फटकार लगाई है। लोकायुक्त ने अपने फैसले में तिवोली गार्डन रेस्तरां को कर चोरी का दोषी ठहराया है।

लोकायुक्त की ही विपरीत टिप्पणी के आधार पर कर्नाटक में भाजपा सरकार की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा से इस्तीफे की मांग कर रही कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने मंत्री का बचाव करना मुश्किल माना जा रहा है। यह और बात है कि येदियुरप्पा ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है।

सड़क से संसद तक भ्रष्टाचार के खिलाफ मचे बवाल के बीच दिल्ली के लोकायुक्त सरीन द्वारा शीला दीक्षित सरकार के इस कद्दावार मंत्री को कसूरवार ठहराए जाने से सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। लोकायुक्त की सिफारिश पर कार्रवाई करना सरकार और कांग्रेस पार्टी के लिए कानूनी बाध्यता भले नहीं हो लेकिन नैतिक दबाव से इनकार नहीं किया जा सकता।

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने गुरुवार को यह कह कर मामले को टालने की कोशिश की कि अभी उन्हें फैसले की प्रति नहीं मिली है। खुद चौहान ने अपना पुराना बयान दोहराते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते सिफारिश करना उनका काम है। यह अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर इन सिफारिशों पर कार्रवाई करें।विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित इस पूरे प्रकरण के कानूनी पहलुओं पर अपने खास अधिकारियों से चर्चा कर रही हैं.

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