Monday, February 21, 2011

बिना मुखिया चल रही हैं मुसलिम संस्थाएं

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग सात महीने से बिना चैयरमेन

रासविहारी



नई दिल्ली। दिल्ली में अल्पसंख्यकों खासतौर पर मुसलिमों के कल्याण के लिए बनाई गईं सरकारी संस्थाएं लंबे समय से मुखियाओं का इंतजार कर रही हैं। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग, दिल्ली हज कमेटी और दिल्ली वक्फ बोर्ड में लंबे समय से कोई चैयरमेन नहीं है। चैयरमेन न होने के कारण मुसलिमों को अपनी तमाम शिकायतों पर सुनवाई न होने से परेशानी उठानी प़ड़ रही है।

अल्पसंख्यक आयोग, हज कमेटी, वक्फ बोर्ड और उर्स कमेटी के लिए दिल्ली सरकार का राजस्व विभाग चैयरमेन और अन्य सदस्यों का मनोनयन करता है। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चैयरमेन और सदस्यों के पद १३ मई २०१० से खाली प़ड़े हैं। पहले इसके अध्यक्ष कमाल फारुखी थे। फारुखी ने मुसलिमों की कई शिकायतों पर कार्रवाई कराई थी। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ ताकतवर नेताओं की आपसी खींचतान के कारण सरकार चैयरमेन और सदस्यों की नियुक्ति नहीं कर रही है। दिल्ली हज कमेटी में तो तीन साल से कोई अध्यक्ष नहीं है। चैयरमेन अब्दुल समी सलमानी का कार्यकाल २७ दिसंबर २००६ को खत्म हुआ था। तब से हज कमेटी अफसरों के हवाले हैं। सदस्य तो बने पर चैयरमेन को लेकर ल़ड़ाई चलती रही। हज कमेटी में दो विधायक, एक सांसद, एक सरकारी अधिकारी, एक मुसलिम धार्मिक विद्वान और समाजसेवी को सदस्य नियुक्त किया जाता है।

तीन साल पहले तत्कालीन राजस्व मंत्री राजकुमार चौहान के नजदीकी शकील सैफी को सदस्य बनाकर चैयरमेन बनाने की कोशिश की गई। तब विधायक और हज कमेटी के सदस्य परवेज हाशमी और चौधरी मतीन अहमद के क़ड़े एतराज के कारण उन्हें चैयरमेन नहीं बनाया जा सका। हज कमेटी में चैयरमेन न होने के कारण हज यात्रा पर जाने वाले को परेशानी उठानी प़ड़ती है। बदइंतजामी की शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो पाती है। साथ ही हज यात्रियों के चयन में भी हेराफेरी की शिकायतें उठती रहती हैं।

दिल्ली वक्फ बोर्ड में भी चैयरमेन का पद ३० अक्टूबर २००९ से खाली है। विधायक चौधरी मतीन अहमद का कार्यकाल खत्म होने के बाद चैयरमेन की तलाश जारी है। वक्फ जमीनों को लेकर मुकदमों की पैरवी तक नहीं हो पा रही है। इमामों को समय से तनख्वाह न मिलने की शिकायते आ रही हैं। इसी कारण जंगपुरा में एक मस्जिद पर विवाद के चलते दंगा भ़ड़क गया था। इसी तरह उर्स कमेटी में चौधरी सलाहुद्दीन १२ साल से अध्यक्ष हैं। उन्हें लेकर लोग एतराज उठा रहे हैं।

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