Friday, September 23, 2011

मोंटेक की विदेश यात्रा का रोजाना खर्च 11354 रुपए पांच साल में १६ बार गए अमेरिका

मोंटेक की विदेश यात्रा का रोजाना खर्च 11354 रुपए
पांच साल में १६ बार गए अमेरिका

नई दिल्ली। मैं भी सरकारी, मेरा घर भी सरकारी, मेरी कार भी सरकारी और मेरी विदेश यात्रा भी सरकारी। खर्च कितना भी हो क्या अंतर पड़ता है। खासतौर पर उन्हें तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा जो रोजाना शहरी गरीब का घर ३२ रुपए में चला सकते हैं। गांव में गरीब का घर रोजाना २६ रुपए में चलाने की बात करने वाले योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया का विदेश यात्राओं का रोजाना औसतन खर्च है ११,३५४ रुपए। जाहिर है कि उनकी सरकारी विदेश यात्राओं का खर्च सरकार ने ही उठाया है।

योजना आयोग ने महंगाई के बढ़ते बोझ से दबते गरीबों की नई परिभाषा बनाई है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में योजना आयोग ने शहरों में रोजाना ३२ रुपए और गांव में २६ रुपए खर्च करने वालों को गरीब नहीं बताया है। रोजाना औसतन विदेश की यात्रा पर ११,३५४ रुपए खर्च करने वाले योजना आयोग के उपाध्यक्ष अहलुवालिया गरीबों का दर्द भी कैसे समझें। अहलुवालिया साहब का विदेशी यात्राओं का खर्च पत्रकार अरुण कुमार सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत हासिल किया है।

योजना आयोग ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष अहलुवालिया ने पांच साल में विदेश यात्राओं पर २ करोड़, चार लाख ३६ हजार ८२५ रुपए खर्च किए। पिछले पांच साल यानी जुलाई २००६ से जुलाई २०११ तक उन्होंने कुल ३६ बार विदेश की यात्रा की। इनमें ३५ यात्राएं सरकारी खर्चे पर की गईं। केवल एक बार उन्होंने अपनी जेब से विदेश यात्रा का खर्च चुकाया।

मिली जानकारी के अनुसार अहुलवालिया साहब पांच साल में १६ बार अमेरिका की सरकारी यात्रा पर गए। पांच साल के दौरान उन्होंने चार-चार बार ब्रिटेन और सिंगापुर की यात्रा की। इसके साथ ही अहलुवालिया ने दो बार फ्रांस और चीन की यात्रा की। साथ ही कोरिया, स्विटरजरलैंड, ओमान, कनाडा, बहरीन,जापान और सऊदी अरब की यात्रा सरकारी खर्च पर की।
नईदुनिया 23 सितंबर2011

1 comment: